चिट्ठाजगत का ‍फ़िल्मोत्सव

कल ऑफ़िस से घर जाते समय कुछ सोच विचार चल रहा था। विचार तो मस्तिष्क में हमेशा ही चलते रहते हैं, एक क्षण के लिए भी रुकते नहीं हैं। जब हम सो जाते हैं तो हमारा अवचेतन कुछ न कुछ जुगाली करता रहता है। ऐसे अचानक दिमाग में यह बात कौंधी कि यदि चिट्ठा जगत में ‍फ़िल्म निर्माण हो तो क्या नाम होंगे, फिर तो कल्पना के घोड़े हवा से बातें करने लगे। चिट्ठाकारों द्वारा फ़िल्म निर्माण नहीं बल्कि चिट्ठों की वर्चुअल दुनिया की ‍फ़िल्में। भले ही चिट्ठा जगत वर्चुअल रियलिटी है परंतु कल्पना लोक में विचरने का आनंद तो मैंने ले ही लिया। तो देखिए ‍फ़िल्मों की कुछ बानगी –
1. मैं टिप्पणी तेरे ‍चिट्ठे की (मैं तुलसी तेरे आँगन की)
2. चिट्ठे वाले टिप्पणियाँ ले जाएँगे (दिल वाले दुल्हनिया ले जाएँगे)
3. दो पोस्ट बारह टिप्पणी (दो आँखें बारह ‍हाथ)
4. जख़्मी चिट्ठा (जख़्मी दिल)
5. टिप्पणी दे के देखो (दिल दे के देखो)
6. टिप्पणी करो सजना (माँग भरो सजना)
7. एक चिट्ठा दो चिट्ठाकार (एक फूल दो माली)
8. तुमसा नहीं चिट्ठा (तुमसा नहीं देखा)
9. सात रंग के चिट्ठे (सात रंग के सपने)
10. हम टिप्पणी दे चुके सनम (हम दिल दे चुके सनम)
11. टिप्पणी का कर्ज (दूध का कर्ज, खून का कर्ज)
12. चिट्ठा, टिप्पणी और पोस्ट (पति, पत्नी और वो)
13. चिट्ठे की सौगंध (चरणों की सौगंध)
14. जिस फ़ीड में चिट्ठा रहता है (जिस देश में गंगा रहता है)
15. हम आपको सब्सक्राइब करते हैं (हम आपके दिल में रहते हैं)
16. प्रोफ़ाइल हो तो ऐसी (बीवी हो तो ऐसी)
17. टिप्पणी वही जो चिट्ठाकार मन भाए (दुल्हन वही जो पिया मन भाए)
18. चिट्ठा सजा के रखना (डोली सजा के रखना)
19. द बर्निंग ब्लॉग (द बर्निंग ट्रेन)
20. चिट्ठे पे चिट्ठा (सत्ते पे सत्ता)
21. पोस्ट जो बन गई टिप्पणी (बूँद जो बन गई मोती)
22. ख़ून भरी पोस्ट (ख़ून भरी माँग)
23. उधार का चिट्ठा (उधार का सिंदूर)
24. हर वक़्त चिट्ठे को गुस्सा क्यों आता है (अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है)
25. टिप्पणी भी दो यारों (जाने भी दो यारों)
26. मैंने चिट्ठा लिखा (मैंने प्यार किया)
27. मैंने चिट्ठा क्यों लिखा (मैंने प्यार क्यों किया)
28. मैं चिट्ठे की दीवानी हूँ (मैं प्रेम की दीवानी हूँ)
29. आया चिट्ठा झूम के (आया सावन झूम के)
30. बरसात की एक पोस्ट (बरसात की एक रात)
31. चिट्ठा हिन्दुस्तानी (राजा हिन्दुस्तानी)
32. आना है तेरे चिट्ठे में (रहना है तेरे दिल में)
33. चिट्ठे के साइड इफ़ैक्ट्स (प्यार के साइड इफ़ैक्ट्स)
34. फिर लिखेंगे (फिर मिलेंगे)
35. चिट्ठाकार बनाया आपने (आशिक बनाया आपने)

तो आपको कैसा लगा यह फ़िल्मोत्सव?
‍फ़िल्में तो और भी हो सकतीं हैं। मुझे तकनीकी पक्ष की अधिक जानकारी नहीं है जैसे क्षमल (xml), एटम फ़ीड, बैक लिंक, टेम्पलेट, सर्वर, होस्ट, ब्राउज़र, जावा स्क्रिप्ट, विजेट्स इत्यादि। यदि पाठक चाहें तो तकनीक से संबंधित शीर्षक जोड़ सकते हैं।

14 Responses

  1. बहुत सही…. 🙂

    चुनावी नारो को भी आजमाईये..
    जैसे “चिट्ठे में है दम, क्योंकि यहाँ टिप्पणीयाँ है कम” वगेरे…

  2. बेंगाणीजी, आपका चुनाव वाला आइडिया अच्छा है।

  3. मजेदार।
    टिप्पणी तेरे चिट्ठे में ( जीना तेरी गली में)

  4. बीजेपी – जयश्री चिट्ठा,…. सौगंध चिट्ठे की खाते है, टीप यही कराएंगे,

    कॉग्रेस- चिट्ठाकार का हाथ, टिप्पणीकार के साथ,…चिट्टा नहीं आंधी है, ब्लॉगिंग का गांधी है.

    बसपा – टीप, चिट्ठा और चिट्ठाकार इनको मारो हज़ार बार… चिट्ठा नहीं संदेश है, ब्लॉगिंग मे प्रवेश है.

    जदयू – चिट्ठाकार टिप्पणीकार है महान, सबको सत्ता एक समान.

    आख़री मे ये भी झेलो
    अल क़ायदा – नारा ए चिट्ठा.. टीप मारो जमकर,… हो अकबर हो अकबर
    आगे मत पूछना .. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. 🙂

  5. बहुत दिमाग खपाये (लगाये) हो 🙂

  6. धन्यवाद सभी को।
    नीरज भाई, ये राजनैतिक नाम तो मैं नहीं सोच पाता।
    @तरुण
    हाँ जी, दिमाग खपाने पर ये फितूर सामने आया।

  7. आपके दिमाग़ के फ़बतूर के क्या कहने अतुल जी!!!
    अब आगे गानों, को नारों को और संवादों को भी अपने फ़ितूर का शिकार बना लिजिए।
    फिर चिट्ठा जगत में डायलॉग चलेंगे, ”अरे ओ भाया कितने चिट्ठे थे” :^)

  8. बहुत खूब! क्या-क्या जोड़ते हो भाई! 🙂 मजा आ गया!

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